ऐ रब तेरी यह दुनिया है न्यारी
तू रेत को भी समंदर में तब्दील कर दे
और अगर तू चाहे तो बसे बसाये आशियाने को खाक कर दे
तेरी मर्जी के बिना एक पत्ता भी ना हिल पाऐ
और अगर तू चाहे तो सारा शहर जलकर राख बन जाए
और अगर तू चाहे तो पत्थर को भी मूर्ति बना दे
और अगर चाहे तू तो मूर्ति को भी मोम बना दे
तू ही शक्ति तू ही शिव
तू ही आत्मा तू ही परमात्मा...
- Bindu