वो जाना चाहता था,
तो उसे जाने दिया।
न वजह पूछी
न एक बार फिर से
सोचने को कहा
और न फिर कभी
लौटने के इरादे को लेकर
उसका मन टटोला,
बगैर किसी आस के
बगैर किसी उम्मीद के
उसे जाने दिया ।
अपनी सोच से,
यादों की खोज से
सुनहरे ख्वाब से
अपनेपन के अहसास से
बातों की मिठास से
वादों के हिसाब से,
जीवन की किताब से
मिटा कर जाने दिया।
क्योंकि उसने जाना चाहा
और उसकी चाहना ही तो
मायने रखती
चली आई सदा से
तो जाने दिया।
उसके जाने से
रीत जाएगा जीवन
उसके जाने से
भीग जाएगा
उदास मन
फिर भी जाने दिया।
उसके जाने के बाद
रातें मर जाएंगी
दिन डूब जाएंगे
घड़ी की याद्दाश्त
चली जाएगी
समय के नाम पर
बचेगा केवल शून्य,
बावजूद इसके
जाने दिया!
किसी से सलाह
मशविरा नहीं लिया
बिना मन मैला किए
बस
धड़कनों को काबू रख
उसे जाने दिया ।
वह जाकर रहेगा
लगा ही था
जो सच हुआ
तो जाने दिया।
एक वही तो था सदा से
उसके सिवा कोई और कभी
आ नहीं पाएगा
यह जानते हुए भी
उसे जाने दिया।
न जाने क्यों दिल को
तसल्ली है कि
ठीक ही किया जो
उसे जाने दिया
आखिर उसकी
अपनी दुनिया में
मेरे सिवा भी तो
लाखों खुशियां
हजारों गम हैं,
तो मलाल क्या
बस जी पक्का कर
उसे जाने दिया।