जिस शख़्स से गिला है उससे ही प्यार क्यूं है
मुझको उसी बशर का अब इंतज़ार क्यूं है
उसके बगैर सूनी लगती है दुनिया मुझको
होता उसी से मेरा दिल खुशगवार क्यूं है
जिसने कभी तो कोई वादा नहीं निभाया
नादान दिल को उस पर फिर ऐतबार क्यूं है
खोयी रहूं सदा मै उसके ख़याल मे ही
ये हर घडी ही मुझको उसका खुमार क्यूं है
वैसे तो सारी दुनिया कितनी है खूबसूरत
सिमटा हुआ उसी तक मेरा दयार क्यूं है
नीलम वो बेवफ़ा है यह जानती हूंँ फिर भी
ये दिल उसी की खातिर अब बेकरार क्यू है...💞