मुझे अच्छा नहीं लगता
बार बार अपनी याद दिलाने का
मैं उनके लिए एहमियत रखती हूँ
तो खुद एक बार दिल से याद कर ले
दूर हो ना जाऊ उनसे कही
के बार बार उन्हें यह समझाना पड़ता हैँ
माना के उन्हें मेरी ज़रूरत नहीं अब
पर खुद मे खुश हो जाती हूँ
के बिना ज़रूरत के भी
उनकी हर ज़रूरत को पूरा किया
अब तो आईना भी मुँह मोड़ लेता मुझसे
गलतियां जो बार बार हो जाती हैँ
- SARWAT FATMI