ये जन्म कविताओं के लिए सुरक्षित रख छोड़ा है.....
एक जन्म में सपने देखना और पूरा करना संभव नहीं...
सपनों की मीनारों के पत्थर जोड़ते, तराशते, उनके रंग चुनते धूप बारिश से बचाते दुलारते, उनसे बतियाते उन्हें कविताओं में पिरोते याद ही नहीं रहा इन्हें इमारत में बदलना है....
अगले जन्म इनकी तामीर के बारे में सोचेंगे..!
- pooja