.. प्रथम तो स्त्रियों ने ही
बिगड़े हैं स्त्रियों के घर
पुरुष तो आज भी द्वितीय
स्थान पर ही आते हैं...🌷
क्यों हीन भावना रखती हैं
"स्त्री..... स्त्री के प्रति
क्यों..स्त्री ने ही स्त्री के
अस्तित्व हर राह बिसारे हैं..🌿
मां बनी तो...बेटी के लिए मर्यादा और बेटे की लिए.
सब कुछ था ज्यादा...
बहन बन कहां कभी उसने
अपना जायज़ हक मांगा...🌷
बेटी बनी तो झुका रहा सर
पिता की हर इच्छा के आगे
बहु बनी तो संभालती रही
दोनो कुल के बिखरते धागे...🌿
काश स्त्री.. ने स्त्री को दिया
होता एक खुला आकाश
और बिखरने दिया होता
उसकी क्षमताओं का प्रकाश
काश.. पढ़ पाती स्त्री, स्त्रीमन..
और दे पाती उसको उसकी
इच्छाओ से परिपूर्ण आँगन...🌷🌿