लाईफ़ इन अ मेट्रो
कभी किसी को मुकम्मल मकाँ नहीं मिलता
कहीं पार्किंग तो कहीं आसमाँ नहीं मिलता
जिसे भी देखिये वो अपने काम में गुम है
एपॉइंटमेंट लिए बिना कोई यहाँ नहीं मिलता
तेरे शहर में ऐसा तो नहीं कि पॉल्यूशन न हो मगर वो गाँव के उपलों का धुआँ नहीं मिलता
बुझा सकी है कहाँ कोक, प्यास पानी की
किनली मिले है यहाँ पर कुआँ नहीं मिलता