“ज़िंदगी सिर्फ़ मोहब्बत नही कुच्छ और भी है
ज़ुलफ ओ रुकसर की जन्नत नही कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया मे
इश्क़ ही एक हक़ीकत नही कुछ और भी है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
मैने तुमसे ही नही सबसे मोहब्बत की है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको”
💕
- Umakant

Hindi Shayri by Umakant : 111949370
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