तेरा हर झूठ क्यू मुझे सच लगता हैँ
तेरा हर किसी के सामने मेरा मज़ाक बनाना
क्यू मुझे बुरा नहीं लगता
लोग कहते हैँ तुम पागल हो
हँस कर रुख मुड़ लिया
ज़मीन पर तब गिरी जब उसने मुझे आईना दिखा दिया
- SARWAT FATMI

Hindi Shayri by SARWAT FATMI : 111949272
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now