ईश्वर तो ह्रदय में रहते हैं
अनहद की वाणी कहता है
ह्रदय ने प्रेम ग्रंथ खोला है
चीत में आनंद घोला है
अब कस्तूरी मृग तृष्णा की प्यास बुझायेगी
अपने भीतर ही मुक्ति पाएगी

सुप्रभात मित्रों... राधे राधे....

Hindi Motivational by R : 111947974
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