❣️ PURE BOND OF BROTHER & SISTER ❣️

वो मुझसे लड़ता है, वो मुझसे झगडता है।
मैं उस से कामज़ोर हूं मुझे ये एहसास दिलाता है ,
छोटी छोटी चीज़ों के लिए मुझे डांट देता है,
तो कभी बड़ी से बड़ी इच्छा पूरी कर देता है।
मैं जो रूठ जाऊं, तो मुझे मना लेता है,
नकली ही सही पर चाँद तारे तोड़ लाता है।
निर्बल सीता नहीं रणचंडी की काली बानाता है
शायद वो मुझसे ,मुझे स्ट्रांग बनाने के लिए लड़ता है,
वो मुझे हसने के लिए कुत्ता,या सुवर बनता है
लेकिन दूसरे की बहन को रुलाने, जानवर नहीं बंटा है
वो मुझसे छोटा है, लेकिन सब समझता है .
मैं कभी हंसते हुए उसके सामने चली जाउ,
तब भी मैं तकलीफ में हूं ये समझ जाता है।

ये रिश्ता धागों का नहीं प्यार का है
वो मेरे साथ है, इस भरोसे का है
मुसीबत में मेरा ढाल बनेगा,इस वादे का है
यहाँ जिसकी बात हुई, वो कोई और नहीं मेरा भाई है

Hindi Poem by Divya : 111947379
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