DEDICATED TO THE VICTIM GIRLS
चल रही थी सड़क पर अकेली गलती से दुपट्टा फिसल गया
इसे पहले के दुपट्टे संभाल पाती मेरा ही चर्चा शुरू हो गया
Bheed mein Kuchh ladkon ne bola
वाह भाई लड़की ने क्लोजर शुरू कर दिया
मैं चाहती थी करारा जवाब देना,लेकिन
दिशा और निर्भया की तरह मेरा भी केस बना दिया
मैं गिड़गिड़ाती रही फिर भी उन दरिंदों ने मुझे नोच खाया
मेरा बलात्कार कर मुझे नग्न अवस्था में सड़क पर छोड़ दिया,
वो भी किसी का भाई है,वो ये क्यू ना सोच पाया
उसने अपना हवस तो पूरी कर ली,फिर भी उसे मुझ पर तरस ना आया
मेरा शरीर सड़क पर यूँही नगन छोड़ गया

Hindi Poem by Divya : 111947346
New bites

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