" बेटी सुरक्षा
पर असुरक्षित
सवाल छाया"
-----
"सहमे लोग
अस्मिता घायल
बेकार तंत्र"
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"उठो तुम तो
प्रचंड जोश भर
अकेले लडो़"
---
"समाजिकता
का आवरण फेंको
करो फैसला"
विधा---हाइकु हाइकु
--डॉ अनामिका---
दिनांक २१/०८/२०२४

Hindi Poem by डॉ अनामिका : 111947168
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