सावन की घटाओं में, बसी एक खामोशी है,
हर बूंद में छुपी, एक प्यारी सी तन्हाई है.....
दिल की गहराई में, निखरे हैं दुःख के रंग,
सपनों की चाँदनी में, ठहरी है शबनमी का उमंग....
सफर की इस राह में, बहुत कुछ पीछे छूट गया,
रातों की चुप्पी, अब मेरे दिल को लूट गया है.....
तेरे बिना ये जीवन, एक खाली सा पन्ना,
आंसुओं की कलम से, मैंने लिखी एक अधूरा सा अफ़साना है....
-Manshi K