फिर वही स्टेशन.,
और तुम्हारा ख़्याल.….!!
~®~
तुम्हारे शहर से गुजरने वाली रेल पे .,
बस मुस्कुरा पड़े हम....!!
काश तुम आते तो सही
एक बार बस शायद तुम्हें देख पाती।।
भीड़ में भी तुम्हें पहचान पाती।
वो अदरक वाली चाय की चुस्की।
हम दोनों साथ शायद ले पाते।
फिर वही सब यादें जो ओझल हो गई थी।
तुम्हें देखते ही वापस आ जाती।
फिर वही स्टेशन और
तुम्हारा ख्याल।।