Hindi Quote in Microfiction by Anita Sinha

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ग्यारस भजन।

ग्यारस के भजन करब हो राम।
ग्यारस के बरत करब हो राम।
ग्यारस के बरत नाहि छोडब हो राम।
ग्यारस के शरण में रहब हो राम।
ग्यारस के प्रतिमा आंगन में स्थापित
करब हो राम।
गज मोती चौका पुराईब हो राम।
कीर्तन कराके ग्यारस के बोलाईब हो राम।
सोना हीरा मोती लाल से सजाईब
ग्यारस के प्रतिमा हो राम।
ग्यारस में निर्जल व्रत रहेब हो राम।
ग्यारस के पीयर फूल से सजाईब हो राम।
तुलसी के माला पहिराईब हो राम।
तिलक चंदन अक्षत पुष्प चढाईब हो राम।
अंगना में ग्यारस के गीत गवाईस हो राम।
सजाईब ग्यारस के रुपवा ऐसन हो राम।
लागे चौदस के चंदा गगन में जैसन हो राम।
ग्यारस के छबि देख गगन में लेहब बार बार
बलैया हो राम।
फल फूल और नैवेद्य परसदिया गंगाजल
चढाईब हो राम।
रहब तहरे हम चरणिया हो राम।
निशि दिन ग्यारस के कीर्तन गवाईब हो राम।
धूप दीप आऊर आरती शंख जयकारा के साथ
लगाईब हो राम।
तू ही बाड़ कलयुग के तारणहारा हो राम।
दान दक्षिणा देके पंडित के निर्जल ग्यारस पूरा करब हो राम।
दिह उहे अशीषिया जे सबके दिहल हो राम।
अकिंचन दासी अनिता नाहि छोडिहे तहार
चरणिया हो राम।
हे ग्यारस के देव रखिह संतान सह शरणिया
हो राम।
अवते साल करब फेर ग्यारस के बरत हो राम।
दिह अशीषिया अन्न धन जन रहे भरल रखिह
सबके सलामत हो राम।
कि नाहि छोडब ग्यारस के बरत हो राम।
करिह सबके कुशल मंगल हो राम।
हे विष्णु भगवान करत बानी कोटि-कोटि
परणमवा चरणिया में हो राम।
लक्ष्मी महारानी के संगवा पधारिह भवनवा
हमरो हो राम।
नाहि आवे भजनवा गयनवा हो राम।
कि आईके हमके गावे के सिखा जईह हो राम।
तनिका हमरो सुधि लेवे अईह हो राम।
हम निरबुधिया के सद्बुद्धि दिह हो राम।
हे ग्यारस के देव बस जईह अंतर्मन में हो राम।
हो जाव अकिंचन दासी अनिता के जीवन
उद्धार हो राम।

गईते रहब कीर्तन-भजन दिन रात हो राम।
कि करब ग्यारस के बरत हो राम।

जय जय हे सहस्रबाहु नारायण कोटि-कोटि प्रणाम।
जय जय हे लक्ष्मी नारायण कोटि-कोटि प्रणाम।

भूल चूक माफ कर दिह हो राम।
कि हाथ जोड़ वंदन करत बानी हो राम।
आराधना स्वीकार कर लिह हो राम।
ग्यारस सोना के खरीदे जाएब हो राम।
ग्यारस बरत संगे रहि हमार हो राम।
लिप के रखब गोबर से अंगना हो राम।
जल्दी पधारिह विष्णु भगवान हो राम।
दंडवते प्रणाम।

-Anita Sinha

Hindi Microfiction by Anita Sinha : 111937433
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