कभी ये भी तो सोच के देखो न @Nidhi
(when you reply to other poets in poetry)
काश वो कभी ना कहते,
कि हमें आपसे मोहब्बत है.....
काश वो कभी ना कहते,
कि हमें आपसे मोहब्बत है.....
तो आज ये टूटे हुए सपनों से भरा दिल ना होता.....
यादों से भरे ये पल जिंदगी में ना होते....
कहे गए झूठे वादे ना होते....
जताई गई झूठी मोहब्बत ना होती....
काश उस दिन हमने,
उसकी इजहार को सच माना ही ना होता.....
तो आज बिछड़ने का ग़म ना होता.......
तो आज वो मुस्कुराता हुआ इंसान अकेला ना होता........
वो बेपरवाह नादान सा दिल जो पहले हर एक बात पर खुलकर हंसता था......
जो खुलकर गुनगुनाता था.......
जो सपनों से भरा रहता था.....
आज किसी कब्र में दफन ना होता....
ना वो बातें दिल को खलती रहतीं.....
ना हम उसी जगह ठहरे रह जाते......
सच कहुं......
काश हम मिले ही ना होते ......
काश हम मिले ही ना होते ..........