हर मंजिल आसान नहीं होती,
हर मंजिल एक जैसी नहीं होती।
किसी की मंजिल खूबसूरती से ढकी हो,
किसी की मंजिल कठिनाइयों से बंदी हो।
किसी की राह में कोई मोड़ नहीं हो ,
तो किसी की राहों में काँटों से भरे पेड़ लिखे हो।
हर कोई अपना किरदार कुछ इस तरह निभाता है,
मंजिल चाहे जो हो,
आखिर में खुद को वही पाता है।
जीवन की राह में सबको संघर्ष करना पड़ता है,
कभी हँसते, कभी रोते, ये सफर यूहीं कटता है।
कदम-कदम पर मिलती हैं चुनौतियाँ नई,
हर दिन, हर रात लाती हैं मुश्किलें कई।
लेकिन हौंसला हो बुलंद अगर दिल में,
तो हर मुश्किल का सामना कर पाएंगे जिंदगी में।
मंजिल चाहे कितनी भी दूर क्यों न हो,
संघर्ष के इस सफर में, आगे बढ़ने का जस्बा कम न हो।
धन्यवाद.... 🖋️🙏🏻
कवि - संकेत गावंडे .