“ऐ मोहब्बत, तेरे अंजाम पे रोना आया”
ऐ मोहब्बत, तेरे अंजाम पे रोना आया
ऐ मोहब्बत, तेरे अंजाम पे रोना आया
ऐ मोहब्बत, तेरे...
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम...
यूँ तो हर...
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया
आज कुछ बात है जो शाम पे...
कभी...
कभी तक़दीर का मातम, कभी दुनिया का गिला
मंज़िल-ए-इश्क़ में हर गाम पे रोना आया
मंज़िल-ए-इश्क़ में...
जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का, शकील
मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया
ऐ मोहब्बत, तेरे अंजाम पे रोना आया
ऐ मोहब्बत...
❤️