जीवन
सुरक्षित हो आवागमन जीवन में। ना आए कोई
बाधा और विपदाएं जीवन में। हर कोई उल्लसित
रहे जीवन में। हर्षित रहे वातावरण जीवन में।
प्रेम का आदान-प्रदान होता रहे जीवन में
प्रेम पुष्प खिलते रहे जीवन में।
यही हो आधार आवागमन जीवन में।
ना आए आंधी और तूफान जीवन में।
पा जाएं हम मंजिल जीवन में।
हंसना और हंसाना यही क्रम चलता रहे जीवन में।
रोना और रुलाना से न मुखातिब हो कभी।
गुलाब सा खिलना और परोपकारी प्रवृति को
अपनाना जीवन में।
रास्ते का पत्थर ना बने कोई जीवन में।
हिम्मत और धैर्य तथा बुद्धि और विवेक से
बन जाएं मील का पत्थर जीवन में।
बस यही अरदास सदगुरु देव जीवन में।
रहे दास म दास अकिंचन तेरे चरणों में
बन जाए क्रीत दास जीवन में।
कोटि-कोटि प्रणाम जय सच्चिदानंद महाराज जी।
-Anita Sinha