विश्व कविता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐
कवि की कल्पना
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कवि की कल्पना रच लेती नया संसार
उसी में समा जाता है सब आचार -विचार
कुरूपता और सुंदरता का होता रहता समन्वय
उसकी लेखनी में उतर आती मन की पुकार ।
इंद्रधनुष के सभी रंग कागज पर उतरते
नया -नया श्रृंगार कर नौ रसों में थिरकते
मन का सागर मोतियों को बिखेरता रहता
कलम बड़े ही जतन से उसकी माला गूँथते।
अनगिनत भावों का जन्म रोज ही होता
संसार के भवसागर में कलम लगाती गोता
तम और उजालों के बीच वह सदा इठलाती
अपने नए तेवर से जग को फिर देती न्योता।
आभा दवे
मुंबई