श्रीक्रिश्र्न ने कंसका वध किया । क्योकि वह क्रिश्र्नको मार देना चाहता था। पर उन्होंने सुदामाके चरन स्वयं धोये थे, क्योकि सुदामा के मनमे नि: स्वार्थ दोस्ती की भावना थी। उसी प्रकार हमारे आसपास भी कंस जैसे राक्षसी रिस्तेदार होते ही है। जिनसे दूरिया बनाये रखने मे ही समझदारी है।
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-jighnasa solanki