हठ छोड़ कैसे दूं
तुम कहते हो हमसे ये हठ छोड़ दो हमसे
हठ छोड़ कैसे दूं जब दिल लगा तुमसे
है हठ नहीं प्रिये ये जिद है जीवन की
राहों से शुल हटा अब फूल बिछाना है
हठ छोड़ कैसे दूं जब दिल ये दीवाना है
ये काली घटा छंट जाएगी और सुनहरा कल होगा
तुफान को छंट जाने दो नैया खेना सरल होगा
तेरा मेरा मिलना भी तब ज्यादा और सरल होगा
हैं प्यासे अधरों की ये प्यास है जल की
तुम्हे पाने के लिए अब फना हो जाना है
है आंधी अंधड़ धूल धक्कड़ लू के थपेड़े है
सहते सहते जो है अड़े खड़े रहे दरख़्त है
है नाजुक नरम नहीं कदम ये सख्त सख्त है
है युद्ध यहां जीवन हर वीर जवानों की
है धरा भोगना या स्वर्ग जाना है
हाथों में जिस दिन मैने तेरा नाम लिखा
उस दिन ही ये जीवन मैंने तेरे नाम लिखा
इस निर्मित नव भवन की नींव तुम्हें लिखा
हैं आस नहीं ये चाह है जनमों की
तुमको जीते जीते नाम कर जाना है