चलो हम अपने रिश्ते की,
एक नई शुरूवात करते हैं।
दो कदम तुम चलना,
दो कदम हम साथ चलते हैं।।
कुछ दिल की तुम सुनाओ,
कुछ दिल की हम बात करते है।
हो इश्क अगर तुम्हें हमसे,
तो एक हसीन मुलाकात करते है।।
अपनी तन्हाइयों में अक्सर,
तुम्हें हम अपने साथ देखते हैं।
खोकर तुम्हारी मीठी यादों में,
सपनों में वो ही ख्वाब सेजते हैं।।
देखकर तुम्हारी तस्वीर को हम,
क्यों बार बार यों आहें भरते है।
तुम्हारे दिल का कुछ पता नहीं,
पर हम तो तुमसे इश्क करते हैं।।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री