किरदार मेरे जीवन का तुम देखो जाना।
क़िरदार मेरे पे हसता है सारा ये ज़माना।
क़िरदार मेरा जीवन ही है
कुछ और नहीं।
कुछ और जो देखोगी
तो देखोगी मैखाना।
एक शाम किनारे बैठो तो
एक शाम ज़रा फुरसत तो लो।
एक रोज़ जरा मुड़के देखो।
मेरा संसार पुराना।
-Anand Tripathi