मेरे हिस्से, आसमान रहने दे
इंसान हूँ तो, इंसान रहने दे
पूछोगे कुछ तो निकलेंगें आँसू,
आँखें हमारी वीरान रहने दे
होंगे तुम्हारे, हजारों फसाने
इस दिल के कुछ अरमान रहने दे
मिटा दो हमारी सारी ही यादें
मुहब्बत के कुछ तो निशान रहने दे
खो जाना चाहें दुनियां में 'मानस"
तुमसे हमारी पहचान रहने दे
-saurabh dixit manas