90s और 00s वाला बचपन
वो बचपन का दौर ही कुछ अलग था।
जब जादू और भूत भी लगता सच था।
जब फेरी टेल्स वाली कहानियां हर लड़की को पसंद होती थी।
और 1₹ में चार टॉफियां आ जाया करती थी।
और वो काली और ऑरेंज पेप्सी किसने नहीं खाई होगी।
बॉल से कांच टूटने पर पड़ोसियों से सज़ा किसने नहीं पाई होगी।
पांच रुपए में दोस्तों को पेस्ट्री खिला दिया करते थे।
खटोरी चापट इमली चूरण के चटकारे हम सब मिलकर लिया करते थे।
जब गुड्डा गुड्डी का ब्याह हम सब रचाते थे।
खाने में बिस्किट का हलवा और नमकीन की सब्जी हम बनाते थे।
पार्ले जी बिस्किट का मजा बिना चाय के क्या ही आया था।
सच में 90s और 00s का वो बचपन हमने खुलकर बिताया था।
सृष्टि तिवाड़ी शान
-srishti tiwari