. *जो शुद्ध होता है, वो शांत होता है*
*और जो अशुद्ध होता है, उसे*
*शुद्धता साबित करने के लिए*
*शोर मचाना पड़ता है*
*यदि हम अभी भी उस व्यक्ति को ढूंढ रहे हैं, जो हमारी जिंदगी बदल सकता है। तो हमें एक बार आईने में देखना चाहिए, क्योंकि - खुद से ज्यादा हमें और कोई नही बदल सकता॥*
-SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》