गुलाब
गुलाब औषधि के रूप में प्रयुक्त होता है। यह
मरीजों के लिए जीवन संजीवनी औषधि साबित
होता है। कैंसर के रोगी को प्रत्येक दिन गुलाब का
उपहार दिया जाए तो उनके लिए जिंदगी में यह एक अनमोल उपहार साबित होता है। कहने का तात्पर्य यह है कि प्रत्येक दिन कैसर के मरीज के कमरे में
यदि टेबल पर ताजे गुलाब फूल के गुच्छे गुलदस्ते
में सजाए जाते हैं तो उनकी जिंदगी के लिए यह
फूल वरदान ही साबित होता है इसमें कोई संदेह
नहीं है।
वो कैसे तो देखिए गुलाब के गुच्छे को कमरे में
देखते ही मरीजों के मन में प्रसन्नता की लहर दौड़ जाती है। वे अपना रोग व्याधि भूल कर गुलाब के
सौंदर्य में खो जाते हैं। गुलाब को देखकर धंसी हुई आंखें शून्य में घूरना बन्द कर देती है और आंखों की
चमक बढ़ जाती है। मतलब कि जीवन खुशहाल हो जाता है एवं लोगों के साथ प्रेम से मिलते-जुलते हैं।
यह खासियत गुलाब की अति उत्तम होती है।
मुझे तो इस सिलसिले में एक बहुत पुरानी हार्ट पेशेंट की कहानी याद आ रही है। यह बचपन की बात है। चाची के साथ मैं रेलवे अस्पताल अपने रिश्तेदार को देखने गयी थी। वो पेशेंट मुमताज (काल्पनिक नाम) जेनरल वार्ड में भर्ती थी। संयोग से हमारे रिश्तेदार भी महिला जेनरल वार्ड में ही भर्ती थी।
बस फर्क यह थी कि हमारे रिश्तेदार उतने सीरियस
नहीं थे। चाची और हम दोनों की नजर मुमताज पर
पड़ी। तो चाची ने गौर से उसे देखा और उनके चेहरे
पर संवेदना की झलक दिखाई दी। मुझे यह सब तो
उस समय समझ नहीं आया था।
परन्तु एक क्षण
रुककर मुमताज को हमने गौर से देखने की कोशिश की थी और मन में सोच रही थी कि इतनी खूबसूरत
लड़की इस तरह क्यों लेटी हुई थी। गोरा रंग, घुंघराले बाल, नैन नक्श बिल्कुल तीखे और अंडाकार चेहरा,
लंबा कद था उसका परन्तु आंखें अन्दर से धंसी हुई थी। जैसे लग रहा था कि वो पुरानी दिल की मरीज़
रही थी। वार्ड ब्वाय मुमताज से कुछ बातें कर रहा था
तो दो चार शब्द बोलने से ही वो हांफ रही थी।अब तक मुझे यह सब बात समझ में आ गई कि हो न हो
वो दिल की पुरानी मरीज हैं।
वो ध्यान से गुलाब का
फूल देख रही थी। चाची से रहा नहीं गया मुमताज का दुख देखकर और वो एक दम से वार्ड ब्वाय से पूछ
बैठी कि ये कितने दिनों से बीमार हैं। इस पर वार्ड ब्वाय ने बताया कि लगभग महीने हो गए हैं। हमारे
डाक्टर साहब ने कहा है कि तुम प्रतिदिन इनके टेबल पर ताजे गुलाब के फूल रख देना गुलदस्ते में। तबसे
मैं यह काम इनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए यह
औषधि के रूप में रख रहा हूं।
चाची को देर हो चुकी थी तो उन्होंने ज्यादा कुछ
और पूछना उचित नहीं समझा। बस चाची ने वार्ड ब्वाय से चलते हुए कहा कि ईश्वर करे मुमताज
जल्द स्वास्थ्य लाभ करें।
चाची के साथ अस्पताल का सफर गुलाब औषधि
के रूप में अपनी पहचान क़ायम रखने में सफल रही थी। मुमताज की खबर चाची को अस्पताल की दूसरी
विजिट में मिली कि वो अच्छी होकर डिस्चार्ज हो
गयी है।
आज इस बात को एक लंबा अरसा हो गया है
परन्तु ताजे गुलाब का उपयोग औषधि के रूप में
वरदान बन गया था। इस बात को हमने गुलाब को
जीवन प्रेरणा के रूप में लिखने की कोशिश की है।
गुलाब जीवन औषधि है।
-Anita Sinha