प्रेम!
रेत में खिला एक फूल हो जैसे..बंजर सी धरती पर बारिश की बूँद हो जैसे..किसी बुजुर्ग के हाँथ में बच्चे की उंगली हो जैसे..सरहद से लौटे पुत्र के पैरों की आहट हो जैसे.. किसान के खेत में लहलहाती फसल हो जैसे..राधा मीरा की आँखों में कृष्ण हों जैसे और मेरी रूह से लिपटी तुम हो जैसे !❤
-kanchan Savi