तेरे बगैर वक्त काटे कैसे...♥️
अब दिल को हम दो हिस्सों में बाटे कैसे..!!
अब तू ही बता...तेरे बगैर वक्त काटे कैसे..!!
मीठा-मीठा सा दर्द फिर दिल में रह गया..
वो फूल मुरझा गया कांटा दिल में रह गया..
टूटा हुआ मेरा विश्वास फिर हम जोड़े कैसे...
अब तू ही बता...तेरे बगैर वक्त काटे कैसे..!!
शिकायत का हक नहीं रिश्ते बेगाने हो चुके..
नए दोस्त बना लिए तुमने हम पुराने हो चुके..
दोबारा इश्क-विश्क..के चक्कर में पड़े कैसे..
अब तू ही बता...तेरे बगैर वक्त काटे कैसे..!!
हम चाहत के भूखे थे तुम दिल्लगी कर गए..
हमने तो प्यार किया..तुम आवारगी कर गए..
अपाहिज बना दिया..अब हम हुए खड़े कैसे..
अब तू ही बता...तेरे बगैर वक्त काटे कैसे..!!
सब कुछ जीत कर भी लगता है मैं हार गई..
दामन फूलों से भरा..मन में कोई बहार नहीं..
बहारों का मौसम नहीं फिर चुभते काटे कैसे..
अब तू ही बता...तेरे बगैर वक्त काटे कैसे..!!
कंचन सावी...♥️