दिल झंझोड़कर रख़ जाती है एक छोटी सी बात
चूभन काँटों सी बन जाती है एक छोटी सी बात
सुलझे सुलझे रहते हैं, रिश्तें कुछ तो रेशम से
गाँठ के जैसी अड़ जाती है एक छोटी सी बात
लफ्ज़ों को भी हैरत होती छुप जाते ख़ामोशी में
जब दिल को खल जाती है एक छोटी सी बात
हो जाते आज़ाद यूँ ही बेहीसाब अश्क़ आँखों से
दिल में जो घर कर जाती है एक छोटी सी बात
आए जो भूलाने पर भूल जाते हैं ख़ुद को भी
क्यूँ, याद ताउम्र रह जाती है एक छोटी सी बात?
_✍️anupama