बचपन में मेरी दादी एक लकड़ी की चम्मच का प्रयोग करती थीं जिसे ‘चाटु’ कहा जाता था । चाटु संस्कृत भाषा की ‘चट्’ धातु से बना है जिसका अर्थ चाटना है । उस चाटु पर अन्न का रस लगा होता था जिसे चाटकर आनंद आ जाता था ।
आधुनिक युग में भी लोग इसका भरपूर आनंद उठाते हैं । बस ‘चाटु’ का रूप और स्वरूप दोनों बदल गए हैं ।