कभी जिंदगी से छले जा रहे हैं।
पता कुछ नहीं पर चले जा रहे हैं।।
मिलेगा समय जब बताएंगे तुमको,
उजालों के ख़ातिर जले जा रहे हैं।
नहीं हैं बनी कुछ हथेली पे रेखा,
सपनों का क्या है, पले जा रहे हैं।
कभी कुछ तुम्हारे कभी कुछ हमारे,
सभी हादसे बस टले जा रहे है....#manas
-saurabh dixit manas