सुस्वागतम् गणपति गणेशं
पधारो पधारो पधारो मेरे घर गौरी नंदन गणेश।
जय हो जय हो जय हो मंगल मूर्ति पार्वती नंदन
गणेश।
त्रिलोक में प्रथम पूज्य तुम उमाशंकर गणेश।
स्वस्तिक चिन्ह बनाकर गज मोती चौका पुराएं।
तेरे चरणों में मंगल गीत गाएं तुम्हें करें कोटि-कोटि प्रणाम हे गणपति गणेश।
तुझे आवाह्न करते हैं ऋद्धि सिद्धि दायक त्रिलोक पति गणेश।
सोने सिंहासन विराजो हे सिद्धि विनायक
गणनायक गणेश।
सोने सुराही गंगा जल पानी तेरे पद पंकज पखारें
हे सुख कर्ता दुःख हर्ता मंगल मूर्ति शुभ फल दायक
गणपति बप्पा गणेश।
भाल चंदन लगाएं पीत वसन चढ़ाएं सिंदूर लगाएं
मस्तक हे गौरी नंदन गणेश।
तेरे चरणों में शीश नवाएं नित नित वंदन करें
हे मंगल कारक गणेश।
तेरे चरणों में पूजन अर्चन करें शुभ लाभ
फल दायक सुख शांति दायक गणेश।
पान सुपाड़ी अक्षत पुष्प चंदन दूर्वा से करें
तेरी सेवा हे विघ्न विनाशक गणेश।
पीले फूलों के हार पहनाएं पीले परिधान अर्पित
करें हे उमा पार्वती पुत्र गणेश।
मूषिक पर सवार होकर आओ हे गणपति
राजा गणेश।
आओ आओ आओ विराजो आसन
हे त्रिलोक के राजा गणेश।
मोदक के भोग लगाएं धूप दीप और आरती करें
मंगल मूर्ति गणेश।
ढोल ढाक बजाएं
तेरे जयकारे लगाएं हे कामना पूर्ति गणेश।
भक्त गण संगत गण तथा श्रद्धालु गण
झूमे नाचे और गाएं सिद्धि विनायक गणेश।
सुर नर मुनि जन करें तेरी पद पंकज सेवा
हे गणपति देवा गणेश।
दो शुभ शुभ वरदान हे गिरिजा शंकर महादेवा
गणेश।
भूल चूक माफ कर चरणों में रख लो
हे गणनायक गणेश।
भूल चूक जाने अंजाने होवे तो क्षमा कर
हे ऋद्धि सिद्धि दायक त्रिलोक नायक गणेश।
कोटि-कोटि प्रणाम हे गणपति गणेश।
जय हो जय हो जय हो गिरिजा पति गणेश।
-Anita Sinha