जल
मिला सबको मूल्यवान उपहार
नामक उसका जलामृत
जल है जीवन...तो जीवन है शीतल
निर्मल सरल स्वभाव तेरा
निरंतर बहते रहना गुन तेरा
जैसा आकार वैसे ढलना
सब के साथ घुलमिल जाना है बड़पन तेरा
न रंग न स्वाद फिर भी प्यास की संतुष्टि तुमसे
तेरा बून्द बून्द है अमृतमय रग रग करे पुलकित
प्रकृति की प्रिय सखी
जहा सखी खिले हरियाली
बना दे सब उपवन फुलवारी
आओ मिलकर ले संकल्प जल बचाये जीवन सजाए
-Shree...Ripal Vyas