आग ऐसी लगी थी,
दुश्मन को हराना था,
हमारे हौसले बुलंद थे ,
बस इंतजार था वो धडी का,
सब तैयारी खत्म हो चुकी थी,
सिर्फ एक आदेश का इंतजार था,
हमारे अंदर ज्वाला उबर रही थी,
ज्वाला को शांति तभी होगी,
जब हम दुश्मन से भी,
एक नारा बुलवाते,
भारत माता की जय।
-Pandya Ravi