मेरा फैसला
ऐ अजनबी इंसान
क्याें तू भटक रहा है
कोई राह तकता होगा तेरी
तेरा घोंसला जहाँ है
हारकर जिंदगी से
मायूस ना हो ऐ बंदे
हो तैयार लढने जिंदगी से
तेरा हौसला बड़ा है
मीलेगी तूझको भी मंजिल
जिसके हो तुम भी काबिल
बस दोनों के बीच में का
फासला जरा बड़ा है
पाना है तुझको मंजिल
या लौटकर आना है
तूझको है तय करना
ये फैसला तेरा है
स्वरचित
गजेंद्र गोवीदराव कुडमाते