{ दिखावा }
🌟🌟🌟
घन- घोर रात
उसी रात में नीकली बारात,
किसी का पेट फूला हुआ था
तो, किसी का मूंह ...
कोई अंदर से हंस रहा था
तो, कोई दिखावा कर रहा था,
कोई दिखावे के लिए नाच रहा था
तो,कोई अंदर ही अंदर मर रहा था,
कोई परायापन महसूस कर रहा था,
तो, कोई अपनेपन को ढूंढ रहा था,
सच में.....
सब कुछ तो बदल रहा था
अब, इन्सान भी बदल रहा है,
क्योकि, अब स्वाथँ आ गया है,
बस, इन्सान दिखावा करता है ....
और सिर्फ दिखावा ही करता है ...!!
-Pari Boricha