मेरी आंखों में नमी है लगता है मुझ में कुछ कमी है
मैं एक हीरा हूं मुझे पता है बस पहचानने वालों की कमी है
कोशिश हजार की पर रुका नहीं हूं मैं
टूट गया हूं अंदर से पर झुका नहीं हूं मैं
बंजर हो चुकी मेरे सपनों की जमी है
लगता है मुझ में कुछ कमी है
मेरी आंखों में नमी है लगता है मुझ में कुछ कमी है
वक्त कमजोर है मुझे मजबूत बनना है
असफलताओं के अंधेरों से मुझे सूरज बनकर निकलना है
बंजर जमीन पर भी फुल खेल सकते हैं
बस मेहनत के पसीने से सिंचाई की कमी है
मेरी आंखों में नमी है लगता है मुझ में कुछ कमी है
वक्त के साथ चलना होगा
तुझे हर परिस्थिति में ढलना होगा
मिलेंगे सपनों के शहर
तुझे हर हाल में चलना होगा
अपने सपनों पर विश्वास और उत्साह की आग की कमी है
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