दोस्ती भी कमाल होती है
निभाई जाए तो बेमिसाल होती है
याद आ जाता है वह स्कूल
जब कभी दोस्ती की बात होती है।
जब स्कूल में पढ़ते थे
कभी खेलते हैं तो कभी लड़ते थे
जो दोस्त साथ साथ में रहते थे
उनसे अब कभी-कभी बात होती है
दोस्ती भी कमाल होती है
जब क्लास में शोर मचाते थे
टीचर से भी एक साथ मार खाते थे
एग्जाम में भी पूरा साथ निभाते थे
अब मतलब पड़ने पर ही बात होती है
दोस्ती भी कमाल होती है
जब पैसे जोड़कर क्रिकेट की गेंद लाते थे
बैठ जिसका होता था
उसे ही कैप्टन बनाते थे
नाली में गेंद चले जाने पर छोटे बच्चों से उठवाते थे
अब तो पब्जी पर ही खेल की बात होती है
दोस्ती भी कमाल होती है
जब साथ मिलकर कोचिंग जाते थे
गाड़ी भी तूफान की तरह चलाते थे
बचपन के पूरे मजे उठाते थे
अब तो सोशल मीडिया ने जोड़े रखा है
वरना आजकल कहां मुलाकात होती है
दोस्ती भी कमाल होती है...