मैं और मेरे अहसास
अब तो आजा इंतज़ार है तेरा l
बार बार दिल धड़कता है मेरा ll
तिरंगी हो जाते हैं दिन मेरे l
तेरे आने से होता है सवेरा ll
क़ायनात में कहीं पे भी नहीं l
तेरे दिल में मेरा है बसेरा ll
तेरे आने से पहले था आराम l
चैन और सुकूं का है लुटेरा ll
चाहत की चिंगारी जलाकर l
दिल में तूने कर दिया है डेरा ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह