विषय - सासू मां
दिनांक -23/042023
सासू मां के रूप अनेक,
कभी नरम तो कभी गरम।
उनकी सेवा सत्कार करना,
यही है हर बहू का धरम।।
समझाती वह हर उस बात को,
जिससे होती नई बहू अंजान।
रोक टोक इस लिए करती कि,
गलती न करें दूसरों के समान।।
सासू मां अपने अनुभव से,
ज्ञान की बातें बताती है।
ताउम्र खट्टी मीठी बातों का,
जिक्र बार बार कर जाती है।।
कभी प्रेम से बिटिया बुलाकर,
अपना सारा स्नेह लुटाती है।
कभी थोड़ा सा कड़वा बोलकर,
अपना हक उन पर जताती है।।
उनके कड़वे वचनों में भी,
जीवन का सार छुपा होता है।
हृदय से कभी बुरा नहीं कहती,
बस लहजा थोड़ा कड़ा होता है।।
सासू मां की कड़वी बातों को,
दिल से कभी भी नहीं लगाना।
अच्छी बातें जीवन में उतारकर,
सास बहू का रिश्ता मजबूत बनाना।।
किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री