मैं और मेरे अहसास
नववधू सी धरती खिली है l
हर कहीं हरियाली लिली है ll
देर से ही सही कई दिन बाद l
सखी मौसम आज गुलाबी है ll
रंगों की सजावट न्यारी ही है l
देख सरसों की खेत पीली है ll
सूरज की किरनों की वजह l
आकाश में बदली नीली है ll
महादेव की बात ही निराली l
शंकर को पसंद बिली है ll
१-४-२०२३
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह