बुधवारी अष्टमी: 15 मार्च(सूर्योदय से शाम 6:45 तक)- इस दिन किया गया जप,ध्यान,दान,हवन,श्राद्ध आदि दस लाख गुना फलदायी होता है।
षडशीति संक्रांति: 15 मार्च(सूर्योदय से दोपहर 12:49 तक) षडशीति संक्रांति में किये गये ध्यान,जप व पुण्यकर्म का फल 86,000 गुना होता है।
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Courtesy (सौजन्य) आदरणीय स्वामी श्री @Brahmchaitanaya ji on Twitter