शब्द
शब्दों के पुष्प खिले यही प्रार्थना है।
शब्दों के पुष्प हार पहनाएं तुम्हें यही कामना है।
शब्दों के वाण निष्फल हो मां शारदे।
वाणी के विष हरो मां शारदे।
असहायों अशक्तों
का सहारा तुम हो मां शारदे।
दीन दुखियों निर्बल का आसरा तुम हो मां शारदे।
अस्त्र शस्त्र के वार को निष्फल करती तुम हो मां शारदे।
कुंभकर्ण को निद्रासन दिलाकर लंका विध्वंस करा दिया तुमने हे मां शारदे।
तेरे आगे नहीं चले जोर किसी का हे मां शारदे।
अशरण को शरण दे मां शारदे।
चरणों में थोड़ी सी जगह दे मां शारदे।
जीवन का अवलंब तुम हो मां शारदे।
जीवन पथ प्रशस्त हो हे मां शारदे।
करुण हस्त बढ़ाओ हे मां शारदे।
वरद हस्त शीश पर रहे मां शारदे।
कोटि कोटि प्रणाम मां शारदे।जय जय मां शारदे।
-Anita Sinha