विषय - जाति पाती का भेद
दिनांक-26/02/2023
जात पात के भेद में,
नहीं भूलना अपना धर्म।
किस्मत भी बदल जाती है,
जब करेंगे आप सत्कर्म।।
ऊंच नीच का खेल तो,
इंसानों ने ही बनाया है।
अपने हित लाभ के लिए,
भेद भाव को दिखाया है।।
ईश्वर ने सृष्टि संचालन के लिए,
कर्म को चार वर्णों में बांटा था।
ब्रह्मण,क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र को,
अपना अपना कर्म समझाया था।।
आज कलयुगी लोगों ने तो,
हर जाति पर सवाल उठाया।
एक दूसरे पर ऊंच नीच का,
देखो क्या ये बबाल मचाया।।
छोड़ो गंदी मानसिकता को,
अपने अपने सब कार्य करें।
अच्छे और बुरे कार्यों पर,
निंदा का अब बार न करें।।
किरन झा मिश्री
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री