चला तुम्हारे इश्क का जादू,
धड़कने लगा जोरों से दिल।
कब तक ऐसे ही तड़पाओगे,
कभी तो आके हमसे मिल।।
मत सोचो तुम इतना दिमाग से,
दिल की सुनकर थोड़ा तो हिल।
मैं हूं दिल से बहुत ही हसीन,
समझो तुम मुझे अपने काबिल।।
तुम्हीं को बस मुझे चाहना है,
और करना है तुम्हें ही हासिल।
किसी और के अगर तुम हुए,
तो कर दूंगी मैं उसी को किल।।
किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री