विषय - दर्पण में तुम
दिनांक-05/01/2023
स्त्री की अस्मिता से खेलना,
पुरुषों को नहीं भाता है।
गलत निगाहों से उन्हें घूरना,
उनका दुष्चरित्र दर्शाता है।।
अपनी मां,बहन, बेटियों के लिए,
विचार अलग ही अपने रखते हैं।
दूसरे की बहू, बेटियों को देखकर,
दिल में बुरी नजर सदा रखते हैं।।
स्वयं के आचरण को दर्पण में,
जब जब भी पुरुष निहारेंगे।
घृणित भाव ही नजर आयेंगे,
बाद में फिर वह पछताएंगे।।
जब भी मन गलत दिशा में भागे,
तो मन के दर्पण को निहार लेना।
अपने घर की इज्जत को सोचकर,
एक बार फिर से उसका संज्ञान लेना।।
खुद के दुष्विचारों पर तुमको,
आत्मगिलानी सी होने लगेगी।
बुरे कर्म का बुरा फल होता है,
यही बात मन में हर बार उठेगी।।
किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री