ब्रेल लिपि
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जब नयनों के दीपक न रहे
अंधेरों में लाखों दुख सहे
मन की आँखें तब खुली
ज्ञान के दीप जल उठे कुछ कहे।
मन की शक्ति दिखाने लगी कमाल
आशाओं में झिलमिलाए फिर साल
मेहनत ने सफलता के झंडे गाड़े
विश्व ब्रेल दिवस है उसकी मिसाल।
ब्रेल लिपि ने एक पहचान दी
नेत्रहीनों को मानो एक जान दी
इस पद्धति से पढ़ रहे लाखों लोग
जिंदगी को महका नयी शान दी।
आभा दवे
मुंबई